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Chapter 4

बानी के पास और कोई रास्ता नहीं था ना ही वो अबीर से जीत सकती थी इसलिए वो क्रिश के साथ यही रहना का प्लान बना लेती है।

लेकिन...... उस दिन के बाद अबीर पूरी तरह से बिजी हो गया था और ना ही दोनों में से किसी ने एक दुसरे से कोई बात करने की कोशिश की और ना ही एक दूसरे को देखा। और पिछले एक महीने से वो इस मैशन में वी नहीं आया यह पर बनी और क्रिश रुके हुए थे। जिसके कारण कभी कभी बानी को बुरा वी लगता था और अजीब वी लेकिन उसमे वो कुछ नही कर सकती थी। टीवी पर हमेशा वो अबीर की खबरे देखती रहती थी। वही कृष ने कभी वी राजनीतिक न्यूज नही देखी थी लेकिन जब से उसे पता चला था के उसका एक पिता है और वो देश का प्रेसिडेंट है तोह वो न्यूज देख लेता था। बस अपने पिता की तस्वीर को देखने के लिए जो कभी कभी ही दिखाई देता था। और उसके बाद अपनी पड़ाई करने लग जाता जा फिर बानी के साथ टाइम स्पेंड करता। लेकिन धीरे धीरे कृष अपने पिता के साथ टाइम बिताना चाहता था लेकिन अबीर के पास बिलकुल वी टाइम नही होता था ऐसा नहीं है के उसे अपने बेटे की परवाह नहीं थी वो उसकी हर एक्टिविटी की खबर रखता था और साथ में बानी के काम पर वी नजर रखता था। आज अबीर पूरे एक महीने बाद अपने घर आया था।

जिस रात अबीर घर आया था, वो रात पूरी तरह से शांत थी। अजीब सा सनाटा छाया हुआ था जिसके कारण बानी को नींद वी नही आ रही थी। कुछ दिनों तक उसने वी पूरी मेहनत से विदेश मंत्रालय में अपना काम किया था। और आगे की परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी। उसे नींद तो आ नहीं रही थी इस लिए उसने सोचा के कोई बुक पड़ लेती हू जिससे उसे अपनी परीक्षा में हेल्प मिलेगी इसलिए वो अबीर के स्टडी रूम में चली जाती है बुक लेने क्यों के अबीर के स्टडी रूम में उसने देखा था के हर तरह की बुक उसके स्टडी रूम में मौजूद है।

जब वो स्टडी रूम में गई तो सारे नौकर si गए थे और पूरे घर शांति थी अगर कोई छोटी सी सूई वी गिर जाती तोह उसका वी शोर सुनाई देता। वो इस रूम में पिछले एक महीने से आ जा रही थी। जब वो स्टडी रूम के अंदर आती है तोह वो देखती है कि उसे जो बुक चाहिए वो ऊंचाई पर जो लास्ट लाइन है उसके रखी हुई है। लेकिन एक बात और थी के उसे ऊंचाई से वी डर लगता था। बुक को इतनी ऊंचाई पर देख कर वो परेशान हो जाती है। हालांकि उसे ये बुक हर हालत में चाहिए थी इसलिए उसने अपना मुंह बना लिया और दांत पीस लिए उसके बाद उसने एक सीढ़ी देखी जो साइड में रखी हुई थी तोह उसने वो सीढ़ी उठाई और उस जगह पर लगा दी यहां उसे बुक दिखाई दे रही थी। वहीं अबीर जो पिछले एक महीने के बाद घर आया था। तोह उसका ध्यान अपने स्टडी रूम में हो रही हलचल पर जाता है। जिसको देखकर चौकन्ना हो जाता हैं क्योंकि वो हमेशा ही सतर्क रहता था उसके स्टडी रूम में बहुत सारी जरूरी इन्फॉर्मेशन और डॉक्यूमेंट्स थे।

जब वो अपने स्टडी रूम का दूर ओपन कर अंदर का नजारा देखता है तो शॉक हो जाता है।

और उसका गला सूखने लगता है

जाहिर तौर पर उसने बानी को देखा जो इस समय बहुत ज्यादा हॉट एंड सेक्सी लग रही थी उसने अभी कुछ समय पहले सावर लिया था। उसने उसने एक सफेद रेशमी नाइटड्रेस पहनी हुई थी, उसके बाल ढीले-ढाले थे, और गीले थे जिनसे पानी टपक कर उसकी पीठ की भिगो रहा था और आगे की साइड उसकी क्लीवेज की दरार के बीच जाकर गायब हो रहा था। उसके खुले बाल उसकी पतली कमर तक लटक रहे थे। ये नाइट ड्रेस उसे बहुत स्लिम दिखा रही थी। वो देखता है के बानी की बॉडी का हर पार्ट परफेक्ट है। उसका पूरा शरीर सीढ़ियों पर चढ़ा हुआ था। उसने सीढ़ी को कस कर पकड़े हुए था क्योंकि वो गिरने से डर रही थी। नाइटड्रेस के नीचे से उसके गोरी लंबी पतली टांगे साफ दिखाई दे रही थी। जो डर से कांप रही थी। पैर की उंगलियां, जो सफेद थी वो सीढ़ी पर टिकी हुई थी और वो खड़े होने के कारण उसकी नर्म मुलायम उंगलियां लाल पड़ गई थी। लेकिन इस समय अगर कोई और बानी को इस तरह से देखता तोह शायद वो अपना कंट्रोल को देता और बिना वक्त गवाए बानी के साथ वो सब करना शुरू कर देता।

वही अबीर बानी को गुस्से से घूर रहा था। वो अपने मन में सोचता है के ये औरत, आधी रात को ऐसी ड्रेस पहन कर कैसी लग रही है,,, क्या ये जानती वी है इस तरह अगर उसे किसी मर्द के सामने परोसा गया चखने के लिए तोह सभी इसे स्नैक्स की तरह चबाना चाहेंगे।

अबीर उस पांच साल पहले की रातों के बारे में सोचने में मदद नहीं कर सका जो दोनों के बीच वो सब हुआ था। उसकी आंखें थोड़ी गहरी और नशीली हो गई थीं, उसने एक गहरी सांस ली और खुद को शांत किया और और अपने कदमों को उस तरफ बड़ा दिए और फिर उसने ठंडी आवाज से उसे घूरते हुए पूछा के ये तुम क्या कर रही हो।।। उसकी आवाज इतनी ठंडी थी के बानी डर गई।

वही बानी जो खुशी मना रही थी कि उसने बुक को हासिल कर लिया और वह जैसे ही नीचे उतरने वाली थी तभी उसने ठंडी आवाज सुनी तो वह इतनी ज्यादा घबरा जाती है कि उसके कदम लड़खड़ा जाते हैं और वह जैसे ही गिरने वाली होती है तो उसकी चीख निकल जाती है। और वही अबीर जब उस को गिरते हुए देखता है तोह वो अपनी भौंहे ऊपर की तरफ चढ़ा लेता है और जैसे ही वह उसे पकड़ने के लिए के लिए अपनी बाहों को आगे करता है तो बानी के हाथों से बुक छूट कर नीचे गिर जाती है और वो अबीर को लेकर वही नीचे फर्श पर गिर जाती है। अब सिचुएशन ऐसी थी के अबीर नीचे था और बानी उसके ऊपर गिरी हुई थी।

बानी जब अबीर के ऊपर गिरती है तो वह एक पल के लिए अबीर को देखते ही कहीं खो जाती है क्योंकि अबीर दिखने में था ही इतना ज्यादा हैंडसम के कोई भी लड़की उसे देखे तो वह कहीं खो ही जाए और यही हाल बानी का वी था। बानी उसको देखते हुए अपने मन में सोचती है कि यार ये तो टीवी वाली तस्वीर से भी ज्यादा सुंदर है। अबीर के शार्प फीचर्स और उसके पतले हल्के पिंक होठों को अगर कोई देखे तो बस उसे किस करना चाहे। जैसे ही अबीर उसे देखता है कि वो उसे कैसे ललचाई नजरों से घूर घूर कर देख रही है तो वह चिढ़ कर बानी से बोलता है कि देख लिया जितना देखना था या अभी वी बाकी है तभी जैसे ही बानी के कानों में अबीर की ठंडी आवाज पड़ती है तब कहीं जाकर वह अपने होश में आती हैं और अपने आपको अबीर के ऊपर देख कर हड़बड़ा जाती है और जैसे ही वो अबीर को अपने नीचे देखती है और खुद को अबीर के ऊपर लेटा हुआ देखती है तोह घबरा जाती हैं। उसके बाद वो अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में बोलती है एम सॉरी, सॉरी मेरा आपको चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।

स्टडी रूम के शांत माहौल में दोनों की सांसो की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। दोनों की नाक एक दूसरे को टच कर रही थी और साथ ही साथ दोनों के होठों के बीच में सिर्फ 1 इंच का फासला था। दोनों के दिलों की धड़कन इतना ज्यादा तेज थी के उन्हें एक दूसरे की धड़कनें साफ सुनाई दे रही थी। बानी अपने आपको अबीर के ऊपर देख कर इतना ज्यादा घबराई हुई थी कि वह जैसे ही उठने की कोशिश करती, वो लड़खड़ा कर वह उसके ऊपर गिर जाती। जिसके कारण अबीर पूरी तरह से चीड़ चुका था। तभी उसके कानों में अबीर की आवाज पड़ती है जो बोल रहा था के के हो गया तुम्हारा तो बानी अपना सिर हां में हिला देती है। उसके बाद वह एक बार फिर से अबीर से बोलती है कि सॉरी सॉरी मैं अभी आपके ऊपर से उठती हूं।

लेकिन वो फिर से उसके ऊपर गिर गई। उसके बाद उसे इतनी ज्यादा शर्मिंदगी हुई के उसने अबीर की तरफ देखने की हिम्मत नहीं की। लेकिन जब उसने शांति से उसके ऊपर से उठने का नाटक किया तो एक और प्रोब्लम हो गई के उसके सिर में अचानक से तेज दर्द हुआ। जिसके कारण उसकी आह निकल गई

उसने आदमी की आँखों में देखने की हिम्मत नहीं की। उसने शांति से उससे उठने का नाटक किया, लेकिन फिर वह उठ गई और अगले ही पल, उसकी खोपड़ी में चोट लग गई। क्योंकि उसके बाल कही फस गए और जब वो उठने लगी तो उसके बाल खीच गए। इसलिए वो फिर से नीचे झुक गई इस समय दोनो के चेहरे आमने सामने थे। अबीर को अब बहुत गुस्सा आ रहा था वो बानी को गुस्से में बोलता है के बानी सहगल तुम मारने के लायक हो। मन तो ऐसा कर रहा है के तुम्हे अभी यह पर दफना दू। वो गुस्से से उससे पूछता है के क्या कर रही हो तुम, उसकी आंखे सिकुड़ी हुई थी। उसकी सांसें भारी हो गई थी। उसका चेहरा बहुत ही भद्दा था।

आई एम सॉरी, आई एम सॉरी... बानी ने तुरंत अपना चेहरा नीचे कर लिया, और उसका चेहरा इतना लाल हो गया था उसको देख कर ऐसा लग रहा था के कभी वी उसके चेहरे से खून निकलने लग सकता है। वह इतनी ज्यादा शर्मिंदा थी कि उसे पता ही नहीं चला कि उसकी नजरे कहाँ चली गईं, और जिसके कारण वो घबरा गई और लड़खड़ा गई, और फिर बड़बड़ाते हुए बोलती है मेरे बाल... तुम्हारी ज़िप में फस गए है हो... उसने एक बार फिर से गड़बड़ कर दी.....

बानी अपने बालों के आधे रास्ते झुकी हुई थी।

यह पागलपन है। यहां उसके बाल फेस हुए थे वो जगह बहुत ज्यादा शर्मनाक थी। क्योंकि उसके बाल अबीर की पैंट की जिप की हुक में फसे हुए थे। वो बहुत ज्यादा शर्मिंदा लग रही थी। उसने सोचा के जब तक वो सावधान रहेगी तब तक वो गलत जगह टच नहीं कर पाएगी। यहां उसे टच नहीं करना चाहिए।

उसने अपने बालों को निकलने के लिए कई बार मरोडा, क्योंकि उसे चिंता थी के अबीर उसे गलत समझेगा,... जितना वो अपने वालो को मरोडती जा फिर खींचती वो उतने ही उलझ जाते।।। बानी इतनी ज्यादा चिंतित थी कि उसकी नाक की नोक से पसीने से भीग रही थी, और उसने ज़िपर की स्थिति देखने के लिए नीचे देखने की हिम्मत नहीं की।

हालाँकि उस जगह का पता उसे सही मायनो से पाँच साल पहले की रातों से आया था क्योंकि पहले उसे इन सब चीजों के बारे में कुछ वी नहीं पता था और ना ही कोई उसे बताने वाला था, लेकिन अब फिर भी वो ये महसूस कर सकती थी कि उसके नीचे वाले आदमी का शरीर कठोर हो गया था। बानी कुछ बोलना चाहती थी लेकिन बोल ही नी पा रही थी लेकिन फिर उसने मदद करने के लिए हिम्मत जुटा कर उस आदमी की तरफ देखा जो उसे गुस्से से घूर रहा था। उसका गला सुख हुआ था, चेहरा लाल हो गया था।

बानी को देख कर अबीर ने अपने दांत पीस लिए। और फिर गुस्से से बानी से बोला के इसे अपने आप करो। ध्यान से। बानी ने अबीर की बात सुन कर मुंह बना लिया और अपने मन में सोचा कि राष्ट्रपति बहुत गैर जिम्मेदार हैं...... क्या उन्हे नहीं पता मैं ये नहीं कर सकती ये शर्मनाक है ऐसा नहीं आ के मेरी मदद करदे। बानी को नहीं पता था के उसकी हरकते अबीर के शरीर के अंदर आग लग रही थी। और उसने कैसे खुद पर कंट्रोल किया हुआ था। उसके बाद बानी ने अपने होठों को काट लिया और फिर हिचकिचाते हुऐ बोली के ज़िप को नीचे खींचना पड़ सकता।

बानी की बात सुन कर अबीर ने उस उस पर एक खतरनाक नज़र डाली, और फिर फुसफुसाया... क्या तुम मुझे आज़माने की हिम्मत कर रही हो। बानी ने सोचा के वो नाराज हो गया जिससे वो डर गई उसके बाद उसने पुछा तोह फिर और कैसे अपने बाल निकाल्लू,... मुझे ये निकलने है इसलिए मैं आपसे वादा करती हूं के मैं कुछ वी नहीं देखूंगी।

बानी असल में कैंची लेकर आना चाहती थी और अपने बालों को काट कर यहां से भागना चाहती थी। लेकिन बानी अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं और अपनी पतली उँगलियों से उसकी जिप को छुआ।

अब बात ये थी के उस आदमी ने अपने दांत पीस लिए और फिर वो बोला के बानी सहगल,, तुम मुझे कहाँ छू रहीं हो।।

बानी उसकी आवाज सुन कर घबरा जाते है, और बोलती है सॉरी, आई एम सॉरी, मैने अपनी आंखें बंद की हुई है इसलिए मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा,, बानी ने डरते हुए अपने हाथ पीछे हिलाए, और फिर से बाल निकालने लग गई।

अबीर...... क्या तुम मुझे शिकायत करने की हिम्मत कर रही हो,,, बानी एक झटके के साथ अपनी आंखे खोल दी फिर एक नजर उसने अबीर को देखा जो गुस्से से उसे देख रहा था। जाहिर तौर पर वो कुछ नहीं लग रहा था। अबीर ने खुद ही गुस्से में अपनी जिप को नीचे खींच दिया और दांत पीछते हुए बोला अगर तुम उसे देखना चाहती हो तो लो देख लो। ज़िप नीचे खींचे जाने के साथ साथ बानी के बाल वी खींचे गए और सिर झुका गया और गलती से उसकी नजरे ज़िपर के ऊपर चली गई, और अगले ही पल उसका चेहरा लाल और लाल हो गया।

बस उसे देखकर वो चौंक गई। उसे देख कर बैंक को पांच साल पहले उनके बीच हुई बातें याद आ गई। जिससे अचानक उसकी सांस फूल गई और उसके हाथ पसीने से भीग गए। तभी अबीर बोलता है के क्या तुमने इसे देख लिया.... अबीर अपनी आंखो को ठंडा कर उसे घूर रहा था। जिसे बानी शर्मा गई और उसने अपनी नजरे दूर कर ली और फिर सिर हिलाते हुए बोली नहीं..... नही...... मैने कुछ नहीं देखा।।।

अबीर ने उसे घूर कर देखा और बोला हो,,, तुमने सचमे कुछ नहीं देखा।

बानी इतनी शर्मिंदा थी कि वो धरती में कही छेद करके उसमे छुपना चाहती थी। किस्मत से, उसने एक बार सिर झटका जिसके कारण उसके बाल निकल गए... बिना कुछ बोले स्टडी रूम से बाहर भाग गई। उसने ज़मीन पर पड़ी उन किताबों को उठाने को उठाने की वी हिम्मत नाहिबकी जिनको वो लेने आई थी।

अबीर ने एक बार अपनी आंखे छोटी करके उस तरफ देखा जिस तरफ से बानी अभी भागी थी। और फिर उठ कर बैठ गया और गहरी गहरी सांसे लेकर खुद को शांत करने लगा।

उसने अपने मन में सोचा ये औरत ये सब जानबूझ कर रही थी।।।।

वही बानी के कमरे में आकर को अंदर से लॉक कर लिया और उसे टिक कर अपने सीने पर हाथ रख कर गहरी गहरी सांस ली। उसके बाद उसने एक ठंडे पानी पिया,, लेकिन उसका चेहरा अभी भी बड़े टमाटर की तरह लाल था। उसने सोचा के ये कितना शर्मनाक था...

उसने सोचा के वह उसे ऐसे कैसे घूर सकती थी? ठीक है, यहाँ तक कि... ये आदमी हर जगह शानदार है, और **** हर जगह बहुत सेक्सी है, लेकिन वह भी... रंगीन......

मुझे नहीं पता कि वो अपने बारे में क्या सोचता है।

"बानी अभी खड़ी ही थी तभी उसके कानो में अपने बेटे की आवाज पड़ती हैं, जो उसके बेड पर सोया हुआ था लेकिन अब जाग चुका था कृष बानी से पुछता है के..... एंजल,,, तुम्हें क्या हो गया है.... तुम आधी रात को खुद को क्यों मार रही हो?"

बानी उसके पास जाकर बैठ गई और फिर बोली के ठीक है, ठीक है। तुमहारी एंजल... ठीक है। क्रिश ने उसे फिर से पूछा के अगर तुम ठीक हो तोह तुम इतनी लाल क्यों हो और तुम शरमा रही हो

बानी ने सोचा के कितनी शर्म की बात है, उसके बाद उसने कृष से बोला के बेबी बस इसके बारे में बात मत करो। जल्दी करो, लेट जाओ और सो जाओ। और फिर क्रिश को अपनी बाहों में लेकर बेड पर लेट गई। उसके बाद कृष ने और कुछ नहीं पूछा आज्ञाकारी बचे की तरह बानी की बाहों में लेट गया,,, लेकिन थोड़ी देर के बाद, उसने फिर से बेवकूफी से बानी से पूछा, एंजल, क्या तुम पापा को पसंद करती हो..., क्या वो मुझे पसंद करते है। कृष की बात सुन कर बानी के दिल में दर्द हुआ उसके बाद उसने सोचा के उसे कल कोई मौका तलाशना चाहिए ता जो वो अबीर से कृष के बारे में बात कर सके।

जैसे ही क्रिश और बानी सो रहे होते है के तभी कोई उसके रूम का हल्का सा दरवाजा खोल कर रूम के अंदर आता है। लेकिन नींद में वी बानी साफ सुन सकती थी।

रूम के अंदर चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा था सिर्फ खिड़की से चांद की रोशनी आ रही थी जो मां बेटे के चेहरे पर पड़ रही थी और उन दोनो को और वी सुंदर बना रही थी।

वो आदमी जब मां बेटे को बेड पर सोया हुआ देखता है तोह अपने धीमे कदमों के साथ बेड की तरफ चल पड़ता है। उसने रूम की लाइट चालू नहीं की ओर उसके बाद वो बेड के पास जाकर खड़ा हो जाता है।

बानी के चेहरे को गौर से निहारने लग जाता है। उसके बाद वो बेड के किनारे बैठ कर अपना सिर झुका लेता है और बानी के माथे पर अपने होठ रख कर उसके माथे के चूम लेता है।

लेकिन जैसे ही वो वहा से खड़ा होकर जाने वाला होता है के तभी उसका ध्यान बानी के गुलाबी होठों पर जाता है। जिसको देख कर उसका गला सूखने लगता है उसने अपनी नजरे दूसरी साइड कर ली ता जो उसका ध्यान बट जाए लेकिन उसका दिल उसे बार बार बानी के होठों को चूमने को बोल रहा था।

जिसके कारण जब वो बानी को नींद में ही अपने सूखे होठों पर अपनी जीभ फेर कर अपने होठों को गीला करते देखता है तोह वो अपने आप को जो कंट्रोल कर रहा था। वो खो देता है। और झुक कर अपने होठों को बानी के होठों पर रख देता है

और हल्के से चूम लेता है पहले तोह उसे लगा था के वो हल्के से किस करके बानी के होठों को छोड़ देगा लेकिन बाद में उससे कंट्रोल नहीं होता तोह वो उसके होठों इंटेंसिली चूमने लग जाता है। लेकिन 5 मिनट के बाद जब बानी को नींद में ही लगता है के कोई उसे निगल रहा है।

इसलिए मजबूरी में उसे बानी को छोड़ना पड़ता है जिससे बानी कसमसा कर फिर से सो जाती हैं उसके बाद नींद में वी ऐसा मेहसूस करती हैं उसके होठों पर कुछ रेंग रहा है

और कोई उसके कानो में बोल रहा था के तुम सिर्फ मेरी हो। तभी खिड़की से आ रही चांद की रौशनी अंदर आती हैं तोह और उस आदमी के चेहरा पर जब चांद की रौशनी पड़ती हैं

तोह उसका चेहरा चमक उठता है और लेकिन हमेशा की तरह उसका चेहरा ठंडा था, उसके आसपास का माहौल अभी वी खतरनाक लग रहा था। वो आदमी इस समय टीवी से वी ज्यादा सुंदर लग रहा था। जी हां ये कोई और नहीं हमारे अबीर ही थे

जो चोरी चुपके से रूम में आए थे अब इनके दिल में बानी के लिए क्या है ये तो यही जानें। वही बानी वी वी मुस्करा रही थी। उसके अबीर जाने से पहले एक बार किश के माथे को चूमता है। और फिर दोनो मां बेटे को देखता है रजाई से ढक कर रूम को लॉक करके चला जाता है।

अगली सुबह

बानी जल्दी उठ गई और फिर जल्दी से जाकर फेस होकर त्यार हो जाति है। और फिर वो कृष को उठाती है और उसे नहला कर त्यार करके रुम से निकल जाती हैं। दोनों मां बेटा रास्ते में उछलते-कूदते, बातें करते और हंसते हुऐ नीचे हॉल में चली जाते है, लेकिन जब एक नौकरानी ने उन दोनो को देखा

तोह वो उन्हें डाइनिंग हॉल में ले गई, लेकिन जब उन्होंने देखा के आज डाइनिंग टेबल पिक उनके इलावा वी कोई बैठा है तो दोनो का ध्यान उसकी तरफ चला जाता दोनो देखते हैं के टेबल की हेड सीट पर अबीर बेटा हुआ था। जो उन दोनों को ही देख रहा था। तो दोनो बिलकुल किसी ओबेडिएंट बच्चे की तरह शांत हो जाते है।

माहौल अचानक से ठंडा हो गया था।

किसी की वी मनमानी न करने की हिम्मत नही थी

तभी घर का बटलर रामू उन दोनों को गुड मॉर्निंग बोलता है और जाकर अपनी जगह पर खड़ा हो जाता है। वो दोनों मां बेटा वी उसे बोलते है.... गुड मॉर्निंग,....।

उसके बाद बानी ने पहले कृष को उसकी चेयर पर बिठाया और फिर उसके साथ बैठ गई। और फिर उसने उस आदमी की तरफ देखा जो चुपचाप न्यूजपेपर पड़ रहा था।

लेकिन जब उसे कल रात की स्टडी रूम वाली बाते याद आती है तोह उसे बहुत ज्यादा शर्म आती है। लेकिन फिर खुद को शांत करते हुए वो अबीर से बोलती है गुड मॉर्निंग प्रेसिडेंट.... लेकिन फिर वी उसकी बेचैनी उसके चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी।

तभी अबीर उसकी तरफ बिना देखें बस

"उम।" बोलता है। उसकी मॉर्निंग का कोई जबाब नहीं दिया जिससे बानी एक पल के लिए हैरान रह जाती हैं,,, उसने अपने मन में सोचा के सच में इस आदमी से बात करना कितना मुश्किल है।

लेकिन फिर वी बानी ने उसे घूरते हुए बोला के मुझे लगा था के आप कभी यहां पर वापस नहीं आओगे। वो बस एकटक उसे घूर जा रही थी। तभी उसके कानो अबीर की ठंडी आवाज पड़ती हैं,, जो पुछता है.... क्यों.......

और इसी के साथ उसने न्यूजपेपर को फोल्ड करके साइड रख दिया। उसने एक बार बानी को देखा लेकिन एक बार वी कृष को नहीं देखा। और शायद उसके ऐसा करने कृष को दुख वी हो सकता था।

लेकिन तभी उन दोनो के कानो में किसी की उदास आवाज पड़ती हैं ऐसा लगता है के जैसे वो उदास हो हो...... कृष जो कबसे अबीर को देख रहा था,, जब वो देखता है

के अबीर ने उसे इग्नोर कर दिया, तोह उसे चुप नहीं रहा जाता और वो बोल पड़ता है........ आप इतने लंबे समय से वापस नहीं आए है। और मुझे अब और नहीं चाहते हैं, है ना?"

बानी ने क्रिश की प्लेट मेकहाना डाला और फिर चोर नज़रों से एक बार अबीर को देखा जो कृष को देख रहा था क्योंकि उसने कभी नही सोचा था और ना ही उसे कोई उम्मीद थी

के कि ये बच्चा जो उसका बेटा है उससे ऐसा सवाल पूछेगा और उसने एक पल के लिए विराम लिया, और फिर बोला..... "तुम हमेशा मेरे बेटे हो और रहोगे। मुझे तुम्हें अपने वापस लाने का कभी पछतावा नहीं होगा, और ना ही में कभी करूँगा।

क्रिश जब अबीर की बात सुनता है तोह उसके मुंह से सिर्फ इतना निकलता है के... क्या सच में..... इस समय किश के भौंहे ऊपर की तरफ मुड़ी हुई थी, वो ये जानने के लिए थोड़ा जिज्ञासु हो रहा था।

इसलिए उसने ये जाने के लिए के अबीर सच बोल रहा है जा झूठ उसने बानी की तरफ अपना चेहरा कर पुछा बानी जब उसके एक्सप्रेशन देखती है तोह वो समझ जाती है इसलिए वो उसे समझाते हुऐ बोलती है के ये तुम्हारे पापा सच बोल रहे हैं

और फिर उसने कृष के बालों को अपने हाथ से सहला दिया। वो जानती थी के उसका बच्चा कितना इमेशनल है। वो छोटी छोटी बातों पर जल्दी भावुक हो जाता है अब जब उसे एक पिता मिला है जिसकी उसने उम्मीद नहीं की थिंक बाकी बच्चों की तरह उसका वी पिता होगा

तोह वो इतनी जल्दी अबीर की बातो पर भरोसा नहीं कर रहा था। लेकिन वो उसे अपना पिता जरूर मान बैठा था। ये पहली बार था जब दोनो बाप बेटे ने कोई बात की हो। तभी बानी उसे बोलती है के अब अपना ब्रेकफास्ट खत्म करो।

बानी कृष के लिए हमेशा ही कोमल रही है। अबीर खुद को उन दोनो मां की जोड़ी को एक नज़र देखने से नहीं रोक सका। उसे लगता था ये दोनों कितनी अलग है यहां अभी वो कृष से कितने से कितने प्यार से बात कर रही हैं।

वही उसने कल बिना डरे और बिना किसी झिजक के उसके चेहरे पर धपड़ जड़ दिया था। उसके बाद बानी ने एक छोटे से केक का टुकड़ा क्रिश को दिया, जैसे ही कृष ने उसकी एक बीते ली तोह वो बहुत ज्यादा खुश हो गया

और फिर बानी से बोला के एंजल ये बहुत टेस्टी है लो तुम वी टेस्ट करो इसी के साथ वो एक केक का छोटा सा टुकड़ा बानी के होठों की तरफ बड़ा देता है तोह बानी कृष को कुश देख कर उसे खा लेती हैं। वही कोई उन्हें अपनी ठंडी निगाहों से घूर घूर कर देख रहा था।

क्योंकि इन दोनों मां बेटे ने उसे पूरी तरह से इग्नोर कर दिया था। लेकिन जन किश अबीर को देखता है तोह उसके होठों पर स्माइल आ जाती है और फिर बानी को बोलता है के एंजल तुम एक टुकड़ा पापा को वी दो खाने को उन्हें वी टेस्टी लगेगा।

बानी ने किश के कहने पर हिचकिचाते हुए एक नजर उस आदमी पर डाली जो अब चुप चाप अपना खाना खा रहा था। जिसे देख कर बानी ने अपनी निगाहे उस से हटा ली। उसने अपने मन में सोचा के ये आदमी उन मां बेटे से कितना अलग है।

उसके बैठने के तरीके, उसके कपड़े पहनने के तरीके से और खाना खाने के तारीक से पता चलता है के वो अमीर परिवार से है और उसे इन सब के बारे में बचपन से ही सिखाया गया है उससे अलग रॉयल्टी दिखाई दे रही थी। जिसकी दुनियां का बानी कभी वी हिस्सा नहीं हो सकतीं।

चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताइयेगा मिलते है अगले एपिसोड में तब तक के लिए बाय बड़े बड़े कमेंट कीजियेगा❤️❤️❤️❤️

और अच्छी अच्छी स्टोरी के लिए मुझे फॉलो करना मत भूलना 😉🙃

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