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Chapter 2

(आवश्यक सूचना - नायिका और नायिका के माता पिता, भाई बहन और अन्य सभी रिश्तेदारों के नाम बदल दिए हैं लेकिन नायक नायिका के नाम वहीं जुनूनी और यूनिक है जो आपको पसंद है और जो आपको आगे पता चल जायेंगे। नायिका और नायिका के नाम नहीं बदले गए हैं। उन्ही के नाम पर एक नई कहानी नए सिरे से लिखी जा रही है। अर्थात हम ऐसा कह सकते हैं कि किरदार वहीं कहानी नई तो कोई बात इसकी तुलना पिछले सीजन से ना करे क्योंकि इसमें सीएम चौहान और उनकी चांदनी की जुनूनी लव स्टोरी नए सिरे से लिखने जा रही हूं मैं जो बेहद जुनूनी और रोमांटिक होने वाली है। खतरनाक ‌ट्विस्ट और टर्न्स आयेंगे, रोमांस की बाढ़ आएगी और भी बहुत कुछ होगी तो बस पढ़ते रहिए और ढेर सारे कमेंट के साथ साथ स्टीकर देना ना भूले और हा सब्सक्रिब्शन तो बढ़ता ही रहना चाहिए अगर कहानी रेगुलर चाहिए तो.. उम्मीद करती हूं सबकी कन्फ्यूजन दूर हुई होगी बाकी आगे पढ़ते रहिए समझ आ जाएगा। दूसरी बात पिछले पार्ट को एक बार फिर से सब लोग पढ़ लीजिए क्योंकि मैंने एक और नए पात्र को लाया है जो सीएम साहब के छोटे भाई है।)

कहानी में......

एलसीडी स्क्रीन पर सीएम का शपथ ग्रहण समारोह लाइव टेलीकास्ट हो रहा था जिसे देखते हुए सोफे पर बैठे एक व्यक्ति के चेहरे पर गर्व से ओतप्रोत मुस्कान आ गई और वे अपने बगल बैठी अपनी पत्नी को देखते हुए बोले -

कितनी भाग्यशाली है हमारी बेटी जो उनके पति इस राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं..!!

उस व्यक्ति अर्थात आकाश जी की बात सुनकर उनकी पत्नी दीप्ति जी बोली -

बात तो आपकी सही है लेकिन ना तो हमारी बेटी को पता है कि उसके होने वाले पति इस राज्य के मुख्यमंत्री हैं और ना ही इस राज्य के मुख्यमंत्री को पता है कि उनकी होने वाली पत्नी कौन है.. ये दोनों ही एक दूसरे के अस्तित्व से और व्यक्तित्व से अनजान है क्या यह दोनों एक दूसरे को स्वीकार करेंगे क्योंकि इनका विवाह इन दोनों से पूछे बिना तय किया गया है और आजकल के बच्चे ऐसा नहीं मानते.. उन्हें तो अपना जीवनसाथी अपने अनुसार चुनना होता है..!!

यह सुनकर आकाश जी मुस्कुराते हुए बोले -

हम बस इतना जानते हैं कि ये दोनों ही एक दूसरे के असली जीवनसाथी बनेंगे पति-पत्नी के रिश्ते की एक ऐसी मिसाल कायम करेंगे जिसे कभी कोई भूल नहीं पाएगा.. भले ही यह दोनों एक दूसरे के अस्तित्व से अनजान है एक दूसरे से जुड़े रिश्ते को नहीं जानते हैं लेकिन जब इन दोनों को पता चलेगा कि इनका तो जीवन भर का रिश्ता है तो यह दोनों इस दुनिया के सबसे अच्छे और आदर्श जीवनसाथी बनेंगे अब बस जल्दी से इन दोनों की सगाई हो जाए और फिर विवाह हो जाए..!!

दीप्ति जी खुश तो बहुत थी और उनकी लाडली बेटी का विवाह इतने ऊंचे राजपूती खानदान में और इस राज्य के मुख्यमंत्री के साथ होने जा रहा है लेकिन उनकी बिटिया की जो गहरी सच्चाई है उसका ओर अभी तक चौहान खानदान को नहीं है जिसे जानने के बाद क्या वो उनकी लाडली बेटी को अपनी बहु के रूप में स्वीकार करेंगे? क्या सीएम चौहान अपने लिए ऐसी जीवनसाथी को स्वीकार करेंगे जिसकी सच्चाई इतनी गहरी है अस्वीकार्य है? दीप्ति जी उदासी से बोली -

जी हमें लगता है कि आपको सगाई से पूर्व ही चौहान परिवार को हमारी लाडली की सच्चाई के बारे में बता देना चाहिए वरना फ़िर विवाह के बाद उन्हें पता चला तो हंगामे होंगे और हमारी प्यारी सी बच्ची का दिल दुखेगा इससे बेहतर सब कुछ अभी ही साफ़ हो जाना चाहिए..!!

ये सुनकर आकाश जी सीरियस होकर बोले-

नहीं... हमारी लाड़ली की तकलीफ़ इतनी भी बड़ी नहीं कि उसका ढिंढोरा पीटा जाएं.. वैसे भी अगर हमने उन्हें ये बात बताई और उन लोगों ने विवाह के लिए मना कर दिया तो हम क्या करेंगे?? आजकल इतने अच्छे लड़के और ससुराल वाले कहां मिलते है?? हमारी बेटी का विवाह हो जाने दीजिए चौहान खानदान में उसके बाद हम स्वयं उनसे माफ़ी मांग लेंगे और वे लोग समझ भी जायेंगे क्योंकि बात इतनी बड़ी है ही नहीं..!!

दीप्ति जी ने हा तो कह दिया लेकिन ये बात उनके मन में चुभ रही थी।

शपथ ग्रहण समारोह का लाइव टेलीकास्ट पूरे भारत में हो रहा था और सबकी सांसे थमी हुई थी, दिल की धड़कनें बढ़ी हुई और बेताबी बढ़ने लगी थी कि कब इस अकल्पनीय और अद्वितीय व्यक्ति की आकर्षक और दमदार आवाज़ सुनने को मिलेगी। वो आकर्षक व्यक्तित्व का धनी पुरुष अपनी मर्दानी चाल चलते हुए स्टेज पर आकर खड़ा हो गया और सभी बड़े नेता उससे मिलने लगे, उसको नमस्ते कहने लगे। गर्मजोशी से उसका स्वागत करने लगे। वो व्यक्ति भी सीएम की शालीनता और राजपूती रूआब के मिश्रण से सबसे मिल रहा था। राज्यपाल महोदय जिनकी उम्र पचास वर्ष है, वे तो दीवाने हैं हमारे सीएम चौहान के। उन्होंने उनसे हाथ मिलाना चाहा तो सीएम चौहान ने उनके पैर छूकर अपनी दमदार आवाज़ में कहा-

राम राम काका सा!!

सीएम चौहान के ऐसे रूप को देखकर राज्यपाल महोदय तो हैरान रह गए तभी सीएम चौहान अपनी आकर्षक आवाज में मगर धीरे से बोले-

अभी काका सा कह देते हैं क्योंकि एक बार जब शपथ ग्रहण की उसके बाद से आप हमारे लिए राज्यपाल महोदय बन जाएंगे..!!

राज्यपाल महोदय के चेहरे पर गर्वीली मुस्कान आ गई और वे खुशी से उस आकर्षक व्यक्ति को आशीर्वाद देते हुए बोले -

चिरंजीवी भव! यशस्वी भव!.. ईश्वर करे आज से राजनीति की दुनिया में आपके नाम के परचम लागू हो आपका नाम न सिर्फ इस राज्य में न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्द हो.. आज से इन भ्रष्टाचारियों को पता चले की असली राजनेता किस प्रकार का होता है हमें पूरा विश्वास है कि अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान आप बहुत कुछ बड़ा करेंगे क्योंकि अभी तो आप मुख्यमंत्री बने भी नहीं है इससे पहले ही दुश्मनों को आग लगने लगी है..!!

राज्यपाल महोदय की बात सुनकर उस आकर्षक व्यक्ति की काली गहरी निगाहों में कूटनीति और राजनीति साफ़ नज़र आने लगी। उसकी आंखे ही बयां कर रही थी कि वो आने वाले समय में कितने बड़े और तूफानी धमाके करने जा रहा और सभी देशद्रोहियों और भ्रष्टाचारियों का जीना हराम करने वाला है और जो लोग इस देश के नहीं है लेकिन फिर भी इस देश में रहकर फ्री का खाते है उन्हें अपने राज्य से निकालने की पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। ताकि देश का संसाधन इस देश के असली नागरिकों को ही मिले। औपचारिक मेलमिलाप होने के बाद सीएम पद की शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ। राज्य के युवा मुख्यमंत्री बनने जा रहे हमारे चौहान साहब स्टेज के बीचों बीच माइक के सामने आकर खड़े हो गए। उनका औरा इतना ज्यादा प्रभावशाली था कि समारोह में उपस्थित सभी लोग मंत्र मुग्ध होकर एक टक उन्हें देखे जा रहे थे खास करके उनके माता पिता। चेहरे की बनावट ईश्वर ने बहुत ही सुंदरता से की थी कोई कमी नहीं छोड़ी थी। घनी दाढ़ी मूंछ जिसे उन्होंने सेट किया था, काली बड़ी बड़ी गहरी आंखे, पतले होठ, तीखी नाक, बदन का रंग सांवला और आकर्षक मर्दाना आवाज़ उफ्फ कुलमिलाकर कातिल और हॉट व्यक्ति है।

राज्यपाल महोदय ने बोलना शुरू किया जिसका अनुसरण करते हुए चौहान साहब अपनी भारी मर्दाना आवाज़ में बड़ी शान और रौब से बोले-

में निहार करतार सिंह चौहान ईश्वर को साक्षी मानकर ये शपथ लेता हूं कि में राजस्थान राज्य को और उसकी जनता को अपना पूरा जीवन समर्पित करूंगा और सच्ची निष्ठा और समर्पण के साथ अपने मुख्यमंत्री होने के हर दायित्व का पालन करूंगा... में निहार करतार सिंह चौहान ये शपथ लेता हूं कि संविधान के अनुसार अपने हर कर्तव्यों का पालन करूंगा और राज्य को विकास की दिशा से आगे ले जाऊंगा..!!

निहार के इतना कहते ही चारों तरफ तालियां बजने लगी, लोगों का जोश और उत्साह फूले नहीं समा रहा था और अपने सीएम चौहान के प्रति उनकी दीवानगी साफ़ नज़र आ रही थी। वहां पर मौजूद कुछ राजनेता भी खुशी से नव निर्वाचित मुख्यमंत्री सीएम निहार सिंह चौहान को देख रहे थे लेकिन कुछ नेता अंदर-अंदर जल रहे थे जाहिर सी बात है मुख्यमंत्री कौन नहीं बनना चाहता इतना बड़ा पद पूरे राज्य की जिम्मेदारी लेकिन क्या कर सकते हैं ना जनता के आगे किसी की नहीं चलती जनता जिसको चुनती है वही उनका नेतृत्व करता है। इस बार जनता ने चुना है सीएम निहार सिंह चौहान को और अब आने वाले अपने कार्यकाल में वे धूम मचाने वाले हैं ये तो सबको पहले से ही पता था क्योंकि वह इंसान है ही इतना ज्यादा खतरनाक सीएम बनने से पहले ही उन्होंने कुछ इतने बड़े-बड़े कारनामे किए थे जिस वजह से वह पूरे देश और विदेशों में भी काफी हद तक फेमस हो ही गए थे।

अपने बेटे निहार के प्रति लोगों का प्यार सम्मान और दीवानगी देखकर उसके माता-पिता बहुत खुश हो रहे थे उसके चाचा जी भी खुश हो रहे थे लेकिन शालिनी जी अंदर ही अंदर जल रही थी वह चाहती थी कि उनके बेटे के प्रति लोग इतनी दीवानगी रखे लेकिन उनका बेटा तो पैरों से अपाहिज था जिस वजह से वे बहुत दुखी रहती थी काश उनका बेटा सही सलामत होता तो आज वह चौहान खानदान का चिराग बनता और इस राज्य का मुख्यमंत्री बनता इसलिए मन ही मन उन्हें निहार से नफरत होने लगी थी। शपथ ग्रहण समारोह बहुत अच्छे से चल रहा था और कुछ देर पश्चात ही भव्य डिनर का आयोजन किया गया जो व्यक्तिगत रूप से निहार सिंह चौहान की तरफ से था लाखों लोगों के भोजने की व्यवस्था की गई थी सब लोग भोजन कर रहे थे निहार के पास एक पल का भी अब समय नहीं था क्योंकि वह सबसे मिल रहा था सब लोग उससे मिल रहे थे। निहार दूर से ही अपने माता-पिता को देख रहा था और आंखों के इशारे से ही उन्हें सब कुछ बता रहा था वे दोनों भी खुशी से उसे देख रहे थे। जयपुर शहर की आलीशान और सबसे महंगी होटल रामराजा सेवन स्टार होटल में भोजन की व्यवस्था चल रही थी बड़े-बड़े राजनेता, उद्योगपति, बिजनेसमैन, बिल्डर, सब लोग वहां पर मौजूद थे अब जाहिर सी बात है जो लोग टैक्स ज्यादा भरते हैं सरकार को उनके ऊपर ध्यान देना ही पड़ता है।

शाम के सात बजे.......

भोजन अच्छे से हो जाने के बाद सभी मेहमान धीरे धीरे जाने लगे थे। निहार के परिवार वाले भी घर जा चुके थे। अल्बर्ट हॉल के सबसे आलीशान और शानदार एक कक्ष में सीएम निहार सिंह चौहान और देश के प्रधानमंत्री इस समय आमने सामने बैठे हुए आपस में कुछ सीरियस मुद्दों पर बातचीत कर रहे थे। दोनों इस समय काफ़ी सीरियस और गहन चिंतन में थे। निहार के शानदार और रौबदार चेहरे को देखते प्रधानमंत्री जी आदर से बोले-

गर्व नहीं गुरुर है हमें कि आप इस राजपूताना के मुख्यमंत्री बने हैं हमारा बहुत बड़ा स्वप्न आज सत्य सिद्ध हुआ है अब हम पश्चिमी भारत की सारी जिम्मेदारी आपको सौंपते है जाहिर सी बात है आपका पहला टारगेट घुसपैठिए ही है तो अब उन्हें इस देश से भी खदेड़ दीजिए..!!

आदरणीय प्रधानमंत्री जी की बात सुनकर सीएम निहार के पतले गुलाबी होठों पर बेहद कुटिल और रहस्यमय मुस्कान आ गई और वो नज़रे झुका कर आदर से मगर कुटिलता से बोला-

दुश्मन जितने देश से बाहर नहीं है उससे कई गुना ज्यादा तो इस देश के अंदर ही मौजूद है.. चिंता मत कीजिए एक-एक को चुन चुन कर खदेड़ कर सबके सामने लाएंगे.. जी सत्य कहा आपने हमारा पहला उद्देश्य देश में घूम रहे ये घुसपैठिए ही है और दूसरा उद्देश्य राज्य में जो भी अनाथ आश्रम, वृद्धाश्रम, विधवा आश्रम, चल रहे हैं उनकी गहराई से जांच करवाना कि कहां पर किस प्रकार का अपराध हो रहा है खास तौर पर महिलाओं और बच्चों के साथ और हम आपसे वादा करते हैं कि तीन महीने के अंदर अंदर ये दोनों काम अच्छे से हो जाएंगे..!!

उम्र मात्र सताइस साल लेकिन बातें इतनी बड़ी और जुनूनी थी जिसे देखकर प्रधानमंत्री के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई और उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने निहार के कंधे पर हाथ रखा और गर्व से बोले -

हमें आपके ऊपर पूरा विश्वास है.. हम आपको आशीर्वाद देते हैं कि आपका आगामी भविष्य बहुत ही खूबसूरत हो आपकी हर इच्छाएं पूरी हो और आप इसी तरह देश दुनिया में अपना नाम प्रसिद्ध करते रहो..!!

सीएम चौहान ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री जी के आशीवार्द को ग्रहण किया और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कुछ देर बाद प्रधानमंत्री जी तो चले गए मगर सीएम चौहान अर्थात निहार कक्ष की विशाल खिड़की के पास खड़ा हो बाहर का दृश्य देख रहा था। चेहरे पर कोई भाव नहीं था ऐसा लग रहा था कि वो भावशून्य है मगर उसके दिमाग में अभी से सारी प्लानिंग चल रही थी कि कल उसका सबसे पहला कार्य क्या होगा। चौहान खानदान के चिराग अपनी दाढ़ी मसलते हुए अपनी तेज़ नजरों से सामने देखते हुए अपनी भारी मर्दाना और दिलकश आवाज़ में बोले-

कल सुबह आठ बजे से ही इस राज्य के विभिन्न अनाथश्रमों की जांच शुरू होगी..!!

निहार के इतना कहते ही उनके पीछे खड़े उनके मैनेजर ने अपना काम शुरू कर दिया और एक लिस्ट रेडी करके बोला-

जयपुर नगर में कुल पांच अनाथाश्रम है जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं-

1) चाइल्ड केयर सेंटर

2) तेज़ अनाथ आश्रम

3) विश्वनाथ आश्रम

4) धन्यदेवी अनाथ आश्रम

5) चिरैया अनाथ आश्रम

अंतिम अर्थात चिरैया अनाथ आश्रम का नाम सुनते ही न हो क्या हुआ कि निहार का दिल धक-धक करने लगा। वो तुरंत अपने मैनेजर की ओर मुड़ा और बेताबी से बोला -

हम स्वयं चिरैया अनाथ आश्रम जाना चाहते हैं इसके नाम में ही कितना आकर्षण है कुछ तो विशेष है यहां जो हमें पुकार रहा है..!!

मैनेजर ने हा कह दिया और सीएम चौहान फ़िर से खिड़की से बाहर अपनी जुनूनी निगाहों से देखते हुए बोले -

चिरैया अनाथ आश्रम..!!

सुबह सात बजे.......

चिरैया अनाथ आश्रम...

एक छोटा सा मगर बहुत सुन्दर और सुहावना वातावरण वाला आश्रम जहां बीस अनाथ बच्चे निवास करते हैं लेकिन उन्हें लगता ही नहीं है कि वे अनाथ है और उनके माता-पिता नहीं है क्योंकि इस अनाथ आश्रम की जो देखरेख करने वाली कन्या है उन बच्चों से इतना प्यार करती है उन्हें इस तरह से संभालती है जैसे ही कि वो उन सब की मां है जबकि उसे कन्या की उम्र मात्र 23 वर्ष है। इस समय आश्रम के बागीचे में एक सुन्दर सी सौम्य और शांत स्वभाव की कन्या गुलाब के फूलों को निहारे जा रही थी। उसकी नीली गहरी और बड़ी बड़ी आंखों में गुलाब के फूलों की प्रति असीम प्रेम नज़र आ रहा था। उसने अपना नाजुक सा हाथ फूलों पर रखा और आंखे बंद करके असीम सुख प्राप्त करने लगी। तभी एक छोटी सी बच्ची जिसकी उम्र छह वर्ष थी, भागती हुई उसके पास आई और अपनी प्यारी सी आवाज में बोली-

निवि जीजी !! निवि जीजी! हमें मटका कुल्फी खानी है..!!

ये सुनते ही वो रूप की रानी पीछे मुड़ी और सामने खड़ी उस छोटी सी मगर गोलू मोलू बच्ची के गाल खींचते हुए प्यार से बोली-

अच्छा जी तो हमारी गुड़िया को मटका कुल्फी खानी है.. लेकिन आज हम नहीं दिलायेंगे वरना आपके दांतों में कैविटी हो जाएगी और ये छोटे छोटे दांत टूट जाएंगे..!!

ये सुनते ही गुड़िया ने बड़ी मासूमियत से अपने मुंह पर हाथ रखा और बोली-

No no हमें अपने दांत नहीं टूटने देने..!!

इतना कहकर वो बच्ची वहां से भाग गई उसे देखकर निवि मुस्कुराती रही तभी एक कन्या उसके पास आई जिसकी उम्र भी यहीं कोई बाइस वर्ष होगी और निवि को एक पेपर देते हुए बोली-

निविशा!!!! मुख्यमंत्री कार्यालय से ये नोटिस आया है कि आज मुख्यमंत्री जी हमारे आश्रम में अपने दौरे पर आने वाले हैं अपनी टीम के साथ..!!

ये सुनकर निविशा को काफी हैरानी हुई और वो उस पेपर को पढ़ते हुए बोली-

लेकिन अचानक से हमारे आश्रम में ही क्यों? ऐसा करते हैं हम एक बार भइया और पापा से बात करते हैं. वैसे थे तो कल ही सीएम बने हैं इस राज्य के है न स्मृति?

स्मृति- हा निविशा। मगर इनका बहुत ज़्यादा क्रेज है पूरे देश में है पूरे देश में और सुना है बहुत तगड़े वोटों से जीते हैं पहले आज तक के इतिहास में कभी किसी व्यक्ति को इतना ज्यादा वोट नहीं मिले जितने इन्हें मिले हैं किसी सेलिब्रिटी से भी ज्यादा फेमस है और सुना है बहुत खतरनाक भी है कहते हैं कि महाशय का गुस्सा नाक पर ही रहता है ज्यादा मुस्कुराते नहीं है बस अपनी खतरनाक आंखों से सबको घूरते हैं और उनकी आंखें देखते ही सब लोग डर जाते हैं गलत काम तो नहीं बिल्कुल पसंद नहीं है हमें लगता है कि यह जांच पड़ताल करने के लिए ही आ रहे हैं..!!

ये सुनते ही न जाने क्यों मगर निविशा खोने लगी उस व्यक्ति के व्यक्तित्व में। तभी स्मृति बोली-

सुना है बहुत हैंडसम हैं हीरो की तरह.. उन्हें देखकर लड़कियां तो दीवानी ही हो जाती है आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन सिर्फ 27 साल का इंसान इतने बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बना है सोचिए इतना यंग हैंडसम टॉल डार्क.. और सबसे बड़ी बात कुंवारे भी हैं अभी तक विवाह नहीं हुआ है उनका सोचो न जिनसे उनका विवाह होगा वह कितनी खुशनसीब लड़की होगी.. आप एक बार हमारे मोबाइल में उनकी तस्वीर देखिए फिर आप खुद उनकी दीवानी हो जाएगी..!!

स्मृति अपने मोबाइल ने निहार की तस्वीर गूगल पर सर्च करने लगी वहीं निविशा का दिल धक-धक करने लगा, गाल अपने आप ही लाल हुए जा रहे थे। उसने अपनी मुठ्ठी भींच ली और बेचैनी से स्मृति के मोबाइल फोन को देखने लगी।

कैसा लगा आज का पार्ट कमेंट करके बताइए दोस्तों?

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मिलती हूं आपसे नेक्स्ट पार्ट में।

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